प्रिय अभ्यर्थीगण,
2020 साल ही अलग रहा है, आप 2020 बैच वाले दूसरों से अलग हैं। जहां एक तरफ महामारी और संसाधनों की कमी झेली हैं, वहीं दूसरी तरफ दूसरे बैचों से 4 महीना ज्यादा समय भी पाई है।
चुनौतियों पर मैं नही जाऊंगा क्योंकि यह एक प्रतिस्पर्धात्मक दौड़ है और यदि परिस्थियां बदली हैं तो सभी के लिए बदली हैं। 4 महीने का समय आपदा में छुपा वो अवसर था जिसे यदि आपने इस्तेमाल किया हो तो आज आप बेहतर अवस्था में होंगे।
आशा है आपका पाठ्यक्रम पूरा हो गया होगा। एडमिट कार्ड आ गए हैं। सेंटर आने-जाने की व्यवस्था काफी पहले से नियोजित कर लेना बेहतर होगा। खुद का खयाल रखें क्योंकि अभी स्वास्थ्य समस्याएं महंगी पड़ेंगी। महज एक महीने के करीब समय बचा है।
दबाव का समय है। कोयले और हीरे में अंतर यहीं दिखता है। परिणाम का भय मन से निकाल दें, \’बेहतरीन प्रदर्शन\’ का लक्ष्य रखें।
एक व्यक्ति जो साल भर मेहनत किया है, यदि उस एक दिन प्रदर्शन नही करता तो साल भर की मेहनत बर्बाद हो जाएगी। वहीं कम मेहनत किया व्यक्ति भी उस एक दिन अगर अपना बेहतरीन प्रदर्शन देता है तो वो यह बाधा पार कर जाएगा। इस बात की एहमियत को समझना जरूरी है।
शुभकामनाएं और \’बोल बम\’